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Friday, Mar 14, 2025
"वर्ल्ड टैलेंट इंटरनेशनल अवॉर्ड" : : जशपुर की साहित्यकार संतोषी डनसेना को नेपाल में विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान
लुंबिनी, नेपाल | नेपाल में आयोजित विश्व प्रतिभा अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह में जशपुर (छत्तीसगढ़) की प्रतिष्ठित साहित्यकार श्रीमती संतोषी डनसेना को उनके उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान के लिए "वर्ल्ड टैलेंट इंटरनेशनल अवॉर्ड" से सम्मानित किया गया। इस भव्य आयोजन में नेपाल, भारत, अमेरिका और तंजानिया से कुल 100 बहुक्षेत्रीय प्रतिभाओं को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया।नेपाल की प्रतिष्ठित संस्था "शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन" द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक समारोह में संतोषी डनसेना को प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो, मैडल, अंगवस्त्र, रुद्राक्ष माला एवं नेपाली टोपी भेंट कर सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह में 18 भारतीय राज्यों से 53 महिला और 47 पुरुष प्रतिभाओं ने भाग लिया।संतोषी डनसेना का साहित्य जगत में योगदानसंतोषी डनसेना 200 से अधिक साझा संकलनों में अपनी रचनाएँ प्रकाशित कर चुकी हैं और 5 संकलनों की संकलनकर्ता भी रही हैं। उनकी रचनाएँ देश-विदेश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं और उन्हें अब तक अनेकों प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।इस अवसर पर संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आनंद गिरि मायालु ने कहा,"संतोषी डनसेना केवल जशपुर ही नहीं, बल्कि विश्व साहित्य जगत की महान विभूतियों में से एक हैं। उनका योगदान साहित्य और अध्यात्म में एक नई इबारत लिख रहा है, और उन्हें सम्मानित करना संस्था के लिए गौरव की बात है।"समारोह में नेपाल सरकार लुंबिनी के कृषि एवं भूमि व्यवस्था मंत्रालय के निवर्तमान मंत्री भंडारी लाल अहीर, वन एवं वातावरण मंत्रालय के निवर्तमान मंत्री बादशाह कुर्मी, डॉ. जसभाई पटेल और कमल सिंह बैद ने विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।नेपाल-भारत मैत्री को सशक्त बनाने का उद्देश्यइस समारोह का उद्देश्य नेपाल और भारत के बीच मैत्री संबंधों को मजबूत करना, देवनागरी लिपि के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देना, तथा नेपाली-हिंदी भाषा को दोनों देशों की मैत्री भाषा के रूप में स्थापित करना था। इसके अंतर्गत प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ दर्जन भर पुस्तकों का विमोचन एवं एक भव्य काव्य सम्मेलन का भी आयोजन किया गया, जिसमें दर्जनों कवियों ने अपनी काव्य प्रस्तुतियों से समा बांधा।इस सम्मान के साथ, संतोषी डनसेना ने जशपुर और छत्तीसगढ़ का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है, जो साहित्य प्रेमियों और प्रदेशवासियों के लिए गर्व का विषय है।
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