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Wednesday, Mar 19, 2025
Election Commission : : अब हर बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता, चुनाव आयोग ने हल किया मतदान आंकड़ों का विवाद
Max 1200 voters per booth; Election Commission resolves polling data disputeनई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मतदान आंकड़ों में अंतर को लेकर राजनीतिक दलों की आशंकाओं का समाधान निकाल लिया है। अब किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इससे लंबी कतारों से निजात मिलेगी और मतदान सुचारू रूप से पूरा होगा।आयोग के सूत्रों के अनुसार, यह मुद्दा एक दशक से अधिक समय से लंबित था। पहले एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1500 मतदाता होते थे, जिससे कई बार मतदान में देरी और अव्यवस्था की स्थिति बनती थी। हाल ही में महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों ने मतदान प्रतिशत के आंकड़ों में बड़े बदलाव के आरोप लगाए थे। इसे ध्यान में रखते हुए, आयोग ने अब भविष्य में किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता न रखने का निर्णय लिया है।मुख्य चुनाव आयुक्त ने उठाए निर्णायक कदमनए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कार्यभार संभालते ही दशकों से लंबित मुद्दों के समाधान की दिशा में निर्णायक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत:31 मार्च से पहले निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ERO), जिला चुनाव अधिकारियों (DEO) और मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEO) के साथ सर्वदलीय बैठकें होंगी। पहली बार 30 अप्रैल तक सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों से कानूनी ढांचे के अंदर सुझाव मांगे गए हैं।आगामी 3 महीनों में 25 वर्षों से लंबित डुप्लीकेट ईपीआईसी (EPIC) मुद्दे का समाधान निकाला जाएगा।एजेंटों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षणचुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए आयोग पहली बार बूथ स्तर के एजेंटों, मतदान एजेंटों, मतगणना एजेंटों और चुनाव एजेंटों को कानूनी ढांचे के अनुसार उनकी भूमिका पर विशेष प्रशिक्षण देगा। इससे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को चुनाव प्रक्रिया में अपनी जिम्मेदारी और अधिकारों की स्पष्ट जानकारी मिलेगी।हर भारतीय नागरिक को मिलेगा मताधिकारचुनाव आयोग 18 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक वास्तविक भारतीय नागरिक के मतदाता पंजीकरण को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ना एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे फर्जी मतदान पर रोक लगेगी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और मजबूत किया जा सकेगा।यह ऐतिहासिक फैसले चुनाव प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और भरोसेमंद बनाएंगे, जिससे लोकतंत्र की नींव और मजबूत होगी।
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