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UPI: : डिजिटल धोखाधड़ी रोकने के लिए यूपीआई से हटेगा पुल लेनदेन

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To prevent digital fraud, UPI will remove pull transactions.नई दिल्ली: डिजिटल भुगतान में बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) से पुल लेनदेन को हटाने पर विचार कर रहा है। इस संदर्भ में बैंकों के साथ बातचीत जारी है।क्या है पुल लेनदेन?यूपीआई में दो प्रकार के लेनदेन होते हैं: पुल (Pull) और पुश (Push) ट्रांजेक्शन। जब ग्राहक किसी मर्चेंट के क्यूआर कोड को स्कैन कर भुगतान करता है, तो इसे पुश ट्रांजेक्शन कहा जाता है। दूसरी ओर, जब मर्चेंट ग्राहक से भुगतान की रिक्वेस्ट भेजता है, तो इसे पुल ट्रांजेक्शन कहते हैं। एनपीसीआई के अनुसार, अधिकांश डिजिटल धोखाधड़ी पुल लेनदेन के माध्यम से ही होती है।कैसे होगा असर?पुल ट्रांजेक्शन को हटाने से ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में कमी आ सकती है, लेकिन कुछ बैंक अधिकारियों का कहना है कि इससे वास्तविक लेनदेन भी प्रभावित हो सकते हैं, जिससे भुगतान प्रक्रिया की दक्षता पर असर पड़ सकता है। वर्तमान में इस विषय पर बैंकों से बातचीत शुरुआती चरण में है और अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।आरबीआई के आंकड़े क्या कहते हैं?भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, डिजिटल भुगतान और कर्ज से संबंधित शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।अप्रैल-जून 2024 के दौरान आरबीआई लोकपाल को 14,401 शिकायतें प्राप्त हुईं।जुलाई-सितंबर तिमाही में यह संख्या 12,744 रही।फरवरी 2025 में यूपीआई लेनदेन की संख्या 16 अरब को पार कर गई, जिसका कुल मूल्य 21 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।2024 में यूपीआई लेनदेन में 46% की वृद्धि दर्ज की गई।डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए यह कदम कितना प्रभावी रहेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन यूपीआई उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकती है।

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