Budget 2025 : वित्तमंत्री का गरीब, किसान, युवा, महिलाओं जैसे बड़े क्षेत्रों पर फोकस,टैक्स पर आज कोई राहत नहीं,अगले हफ्ते आएगा नया बिलBudget 2025 Live Updates: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार(1 फरवरी) को आठवीं बार बजट पेश कर रही हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल (Modi 3.0) का पहला पूर्ण बजट है। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि, शिक्षा और लघु और मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने के विशेष क्रेडिट कार्ड जारी करने का ऐलान किया। बजट में वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की घोषणा की। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने AI रिसर्च को बढ़ावा देने के 500 करोड़ रुपए की लागत से एक नया इंस्टीट्यूट स्थापित करने की भी घोषणा की। यहां पढ़ें, बजट 2025 के लाइव अपडेट्स।सुबह से तैयारियों में जुटी नजर आईं सीतारमणकेंद्रीय वित्त मंत्री शनिवार सुबह से ही बजट की तैयारियों में जुटी नजर आईं। सुबह 8.45 बजे सीतारमण वित्त मंत्रालय पहुंच गई। वित्त मंत्री ने मंत्रालय में आधे घंटे बिताए। इसके बाद सीतारमण राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना हो गईं। वित्त मंत्री राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु को बजट की कॉपी सौंपी। राष्ट्रपति मुर्मू ने सीतारमण को दही-चीनी खिलाई।इसके बाद वह संसद भवन पहुंची। वित्त मंत्री सुबह 11 बजे संसद में अपना बजट भाषण शुरू करेंगी। निर्मला सीतारमण इस बार भी पेपरलेस बजट पेश करेंगी। बता दें कि इससे पहले के चार बजट भी पेपरलेस ही पेश किए गए थे।Live Updates:आईआईटी पटना में सुविधाओं का विस्तारवित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि आईआईटी पटना में सुविधाओं को आधुनिक बनाने के लिए विशेष पहल की जा रही है। देश के इंजीनियरिंग संस्थानों में 6, 500 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी, जिससे अधिक विद्यार्थियों को उच्च तकनीकी शिक्षा का अवसर मिलेगा। अगले पांच वर्षों में पूरे देश के मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी। अगले साल ही मेडिकल कॉलेजों में 10,000 सीटें जोड़कर चिकित्सा शिक्षा को सशक्त बनाया जाएगा। स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा बदलावस्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सरकार ने सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई है। वर्ष 2025-26 तक देशभर में 200 नए कैंसर देखभाल केंद्र बनाए जाएंगे, जिससे गंभीर बीमारियों के इलाज में आसानी होगी। इसके अलावा, शहरी मजदूरों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को दिए जाने वाले लोन की सीमा बढ़ाकर 30,000 रुपए कर दी जाएगी, जिससे वह अपनी आजीविका को और बेहतर बना सकेंगे। शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावाशिक्षा के क्षेत्र में बड़ा सुधार करते हुए स्कूलों और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे विद्यार्थियों को उनकी मातृभाषा में अध्ययन करने का लाभ मिलेगा। राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र के तहत पांच नए राष्ट्रीय कौशल केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे। आईआईटी की क्षमता विस्तार योजना के तहत देश के 23 आईआईटी संस्थानों में छात्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे तकनीकी शिक्षा को और सशक्त बनाया जा सकेगा। फुटवियर और लेदर उद्योग को विशेष सहायता योजनासरकार ने फुटवियर और लेदर उद्योग के लिए विशेष सहायता योजना शुरू करने का ऐलान किया है। इसके तहत बिना लेदर वाले फुटवियर के लिए अलग से योजना लाई जाएगी। इससे देश में 22 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे और 4 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होने की संभावना है। खिलौना निर्माण उद्योग को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बढ़ावा देने के लिए नई योजना लाई जाएगी। छोटे उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए पांच लाख रुपए की सीमा वाले विशेष क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे, जिसमें पहले साल में 10 लाख कार्ड जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। स्टार्टअप और एमएसएमई सेक्टर के लिए घोषणास्टार्टअप सेक्टर को मजबूती देने के लिए सरकार ने एआईएप योजना के तहत 91 हजार करोड़ रुपए से अधिक के सबमिशन प्राप्त किए हैं। इसके अतिरिक्त, 10 हजार करोड़ रुपए का नया अंशदान किया जाएगा। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को मजबूत करने के लिए उनकी वर्गीकरण सीमा को दोगुना किया जाएगा। एमएसएमई उत्पादकों को आर्थिक मदद देने के लिए गारंटी कवर 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिससे 1.5 लाख करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त किया जा सकेगा। कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए घोषणाएं:किसान क्रेडिट कार्ड पर अब 5लाख तक का लोनवित्त मंत्री ने घोषणा की कि किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाएगा। इसके साथ ही, बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी और किसानों के लिए 'प्रधानमंत्री धनधान्य योजना' शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान 'GYAN' पर केंद्रित है, जिसका अर्थ है—गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति। उन्होंने बताया कि बीते 10 वर्षों में देश ने बहुमुखी विकास किया है और यह यात्रा निरंतर जारी रहेगी।बिहार में बनेगा मखाना बाेर्डवित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हमारे में बिहार के किसानों के विकास पर ध्यान दिया जाएगा। बिहार में मखाना बाेर्ड का गठन किया जाएगा। इसके तहत मखाना की उन्नत किस्मों को डेवलप करने पर ध्यान दिया जाएगा। राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन पर जोरवित्त मंत्री ने कहा कि भारत मछली उत्पादन में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और यह उद्योग 60 हजार करोड़ रुपए का विशाल बाजार बन चुका है। सरकार अंडमान, निकोबार और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। इसके अलावा, कपास उत्पादकता मिशन के तहत कपास की पैदावार में पर्याप्त वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी और लंबे रेशे वाली किस्मों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।बेहतर बीजों के लिए नई पहलसरकार 'राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन' शुरू करेगी, जिसके तहत अनुसंधान और उन्नत खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस मिशन के तहत 100 से अधिक उच्च उत्पादकता वाली बीजों की किस्में किसानों को उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और उत्पादन क्षमता में सुधार होगा।दलहन के फसल को देंगे बढ़ावावित्त मंत्री ने कहा कि सरकार तुअर, उड़द और मसूर के उत्पादन पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि 'मेक इन इंडिया', रोजगार सृजन, नवाचार, ऊर्जा आपूर्ति, खेलों का विकास और एमएसएमई का विस्तार सरकार की विकास यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिसे सुधारों के माध्यम से गति दी जा रही है। इस पहल से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की संभावना है।कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाएंगेवित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों की भागीदारी से ग्रामीण समृद्धि और अनुकूलन निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा। कौशल विकास और निवेश के माध्यम से कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए विकल्प तैयार करना है, जिसमें युवा किसानों, ग्रामीण महिलाओं और छोटे किसानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।तुअर, उड़द और मसूर की खेती को बढ़ावायोजना के पहले चरण में 100 कृषि प्रधान जिलों को शामिल किया जाएगा। सरकार खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए राष्ट्रीय तेल मिशन चला रही है। वित्त मंत्री ने बताया कि 10 साल पहले किए गए ठोस प्रयासों के चलते भारत ने दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की थी। इसके बाद से किसानों की आय और आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। अब सरकार विशेष रूप से तुअर, उड़द और मसूर की खेती को बढ़ावा देने पर काम कर रही है। इस योजना के तहत, केंद्रीय एजेंसियां किसानों के साथ पंजीकरण और करार करेंगी। अगले चार वर्षों में एजेंसियां किसानों द्वारा लाए गए उतने ही दलहन की खरीद करेंगी, जितना वे बाजार में उपलब्ध कराएंगे।संसद में निर्मला सीतारमण के बजट पेश करते ही विपक्ष ने हंगामा किया।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लोकसभा में बजट भाषणा शुरू करते ही कांग्रेस समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया। विपक्षी पार्टियों के सांसद कुंभ भगदड़ पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा से वॉकआउट कर गए।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट भाषण शुरू कियावित्त मंत्री ने लोकसभा के पटल पर बजट पेश करते हुए कहा कि यह बजट सरकार की ओर से विकास को बढ़ाने के मकसद से पेश किया जा रहा है। मिडिल क्लास की क्षमता में वृद्धि करने और सभी के विकास के लिए यह बजट समर्पित है। हमने इकोनॉमी दुनिया के तेजी से बढ़ते अर्थव्यवस्था में से एक है। ऐसे में विकसित हो रहे भारत की उम्मीदों से हमें प्रेरणा दी है।पीएम मोदी ने कहा ये ये गरीब-किसानों, महिलाओं, युवाओं का बजटबजट को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है। पीएम मोदी की अगुवाई में यह बैठक हुई। इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि यह बजट गरीब-किसानों, महिलाओं और युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला है। वित्त मंत्री सीतारमण वित्त मंत्रालय पहुंची। अफसरों के साथ बजट की कॉपी दिखाई।टैक्स में बड़ी राहत संभवआम जनता के लिए सबसे बड़ी उम्मीद आयकर दरों में कटौती की है। नए टैक्स रिजीम में 10 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त करने की संभावना है। वहीं, 15 से 20 लाख रुपये की आय पर 25% का नया टैक्स ब्रैकेट लाया जा सकता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी बढ़ाई जा सकती है। यह कदम मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए उठाया जा सकता है, जिससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़े और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहतसरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर सकती है, जिससे आम जनता को महंगाई से राहत मिलेगी। पेट्रोल पर फिलहाल 19.90 रुपये और डीजल पर 15.80 रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी लगती है। उद्योग संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने सरकार से पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कटौती की मांग की है, जिससे परिवहन लागत कम होगी और महंगाई नियंत्रित रहेगी।रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावाबजट 2025 में 'एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार नीति' लाने की संभावना है, जिससे विभिन्न मंत्रालयों की रोजगार योजनाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। ग्रामीण इलाकों के युवाओं के लिए सरकारी कार्यालयों में इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू किया जा सकता है। इसके अलावा, सरकार विदेशों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए इंटरनेशनल मोबिलिटी अथॉरिटी बना सकती है। यह नीति युवाओं को नए अवसर प्रदान कर सकती है और भारत की युवा शक्ति का बेहतर उपयोग कर सकती है।इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल इंडिया को बढ़ावादेश के विकास को गति देने के लिए सरकार इस बजट में बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश कर सकती है। अगले 10 वर्षों में भारत को अपने विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारी निवेश की आवश्यकता होगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई नई योजनाएं ला सकती है। दावोस में हुई विश्व आर्थिक मंच (WEF) की बैठक में भी AI पर व्यापक चर्चा हुई थी, जिससे यह संभावना बढ़ गई है कि सरकार AI फंडिंग को लेकर बड़े ऐलान कर सकती है। मेडिकल सेक्टर के लिए हो सकती है घोषणाएंमेडिकल सेक्टर के लिए बजट में बड़ा ऐलान हो सकता है। सरकार अगले 5 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटें जोड़ने का रोडमैप पेश कर सकती है। MRI जैसे चिकित्सा उपकरणों पर आयात शुल्क कम किया जा सकता है, जिससे जांच की लागत घटेगी। स्वास्थ्य बजट को 10% तक बढ़ाने की संभावना है, जिससे गरीबों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। सरकार 'आयुष्मान भारत योजना' के दायरे को भी बढ़ा सकती है।कृषि और ग्रामीण विकास को प्राथमिकताकिसानों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये की जा सकती है। इससे किसानों को अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी। साथ ही, सरकार लघु और मध्यम उद्योगों को आसान कर्ज देने के लिए माइक्रोफाइनेंस संस्थानों को भी प्रोत्साहन दे सकती है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।रियल एस्टेट सेक्टर को मिल सकती है राहतसस्ते घरों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए सरकार अफोर्डेबल हाउसिंग की कीमत सीमा को 45 लाख रुपए से बढ़ाकर 70 लाख रुपए कर सकती है। होम लोन पर टैक्स छूट को भी बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जा सकता है, जिससे ज्यादा लोग अपने घर खरीदने का सपना पूरा कर सकेंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा।बजट से लोगों को बड़ी उम्मीदेंवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट ऐतिहासिक होने वाला है। सरकार टैक्स कटौती, रोजगार बढ़ाने, महंगाई को काबू करने और देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई देने के लिए कई अहम फैसले ले सकती है। निवेशकों, उद्योगपतियों और आम जनता की नजरें इस बजट पर टिकी हैं। अब देखना होगा कि वित्त मंत्री क्या बड़े ऐलान करती हैं। बजट में बिहार के लिए खोला पिटाराकेंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट पेश किया। इास दौरान उन्होंने बिहार को लेकर कई बड़े एलान किए। इसके अलावा उन्होंने मिथिला पेंटिंग वाली क्रीम कलर की साड़ी भी पहन रखी थी। सीतारमण को यह साड़ी सुप्रसिद्ध कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी ने उस समय भेंट की थी, जब वह गत वर्ष नवंबर महीने में बिहार के मिथिला क्षेत्र के दौरे पर थीं और इस दौरान वह मिथिला चित्रकला संस्थान गई थीं। आइए जानते हैं बिहार के लिए किए गए बड़े एलान... ग्रीनफील्ड एयरपोर्टबिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे। पटना एयरपोर्ट को विस्तार दिया जाएगा।पश्चिमी कोशी नहर परियोजनाबिहार के मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना शुरू की जाएगी। इसके दायरे में 50 हजार हेक्टेयर का क्षेत्र आएगा।बिहार में नया संस्थानबिहार में राष्ट्रीय फूड टेक्नोलॉजी संस्थान शुरू किया जाएगा। इससे पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षमताएं मजबूत करने में मदद मिलेगी।बिहार में मखाना बोर्डबिहार के लोगों के लिए यह विशेष अवसर है ताकि वे मखाना का उत्पादन और उसके प्रसंस्करण को बढ़ावा दे सकें। मखाना बोर्ड इसमें किसानों की मदद करेगा। कृषि क्षेत्र में बड़े एलान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कृषि क्षेत्र के लिए बड़े एलान किए। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, दलहन में आत्मनिर्भरता, बिहार में मखाना बोर्ड बनाने और असम में यूरिया प्लांट खोलने का एलान किया गया है। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे। कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।विज्ञापनकेंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि दलहन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देंगे। इसके लिए खाद्य तेलों के उत्पादन पर ध्यान दिया जाएगा। तुअर, उड़द और मसूर दाल के लिए सरकार छह वर्ष का मिशन शुरू करेगी ताकि दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके। नैफेड और एनसीसीएफ तीन तरह की दालों की खरीद करेगी। इन एजेंसियों में पंजीकृत किसानों से दालें खरीदी जाएंगी।सब्जी, फल और पोषण पर ध्यान दिया जाएगा। श्रीअन्न और फलों की मांग बढ़ती जा रही है। इसके लिए राज्यों के साथ मिलकर एक योजना शुरू की जाएगी। इसमें कृषि उपज संगठनों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा बिहार में मखाना बोर्ड बनेगा। बिहार के लोगों के लिए यह विशेष अवसर है ताकि वे मखाना का उत्पादन और उसके प्रसंस्करण को बढ़ावा दे सकें। मखाना बोर्ड इसमें किसानों की मदद करेगा।वित्त मंत्री ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए अल्पकालिक ऋण की सुविधा प्रदान करता है। केसीसी के माध्यम से लिए गए ऋण सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जाएगी।असम के नामरूप में खुलेगा यूरिया प्लांटकेंद्रीय वित्त मंत्री ने असम के नामरूप में यूरिया प्लांट खोलने का एलान किया। उन्होंने कहा कि असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाले संयंत्र की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में बंद पड़े तीन यूरिया संयंत्रों को फिर से खोला गया है। यह यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर कदम है। इसके अलावा सरकार सहकारी क्षेत्र के लिए ऋण देने के कार्यों हेतु राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को सहायता प्रदान करेगी।देश में आजादी के बाद से अब तक कृषि बजट काफी हद तक बदल गया है। 1947-48 में जब बजट पेश किया गया था तो उसमें 22.5 करोड़ रुपये कृषि क्षेत्र को दिए गए थे। यह भी बतौर अनाज सब्सिडी के लिए थे। इसके बाद 2013-14 में कृषि बजट बढ़कर 27 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया। 2024-25 में कृषि बजट बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये हो गया। देश के बजट में कृषि बजट की हिस्सेदारी तीन फीसदी है। 1988 में हुई थी किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआतदरअसल, किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में की गई थी। इसके तहत खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों में लगे किसानों को 9 फीसदी ब्याज दर पर अल्पकालीन फसल ऋण दिया जाता है। सरकार किसानों को ब्याज पर 2 फीसदी छूट देती है और समय से अदायगी करने वाले किसानों के ब्याज में बतौर प्रोत्साहन 3 फीसदी कमी और कर दी जाती है। इस तरह किसानों को सालाना 4 फीसदी दर पर कर्ज मिल जाता है। इस योजना के तहत सक्रिय क्रेडिट कार्ड खातों की संख्या 30 जून, 2023 तक 7.4 करोड़ से अधिक थी और उन पर 8.9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था।कई साल से नहीं बढ़ी केसीसी पर उधारी की सीमाकृषि क्षेत्र से जुड़े जानकारों का कहना है कि,इन दिनों खेती की लागत बहुत बढ़ी है मगर किसान क्रेडिट कार्ड पर उधारी की सीमा कई साल से बढ़ाई नहीं गई। अगर सरकार ये दायरा में इजाफा करती है तो कृषि क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कृषि आय बढ़ाने में मदद भी होगी। सरकार के इस कदम से किसानों की जीवनशैली में ही सुधार नहीं होगा, बल्कि बैंकिंग प्रणाली का जोखिम भी घटेगा क्योंकि किसान समय पर कर्ज चुका देंगे। क्योंकि किसान क्रेडिट कार्ड का उद्देश्य बड़ी जमीन वाले किसानों को ही नहीं बल्कि छोटी जोत वाले किसानों और पशुपालन एवं मत्स्य पालन जैसी गतिविधियों में लगे लोगों को भी अपने दायरे में लाना है।किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़े अहम आंकड़े यहां जानेंनाबार्ड के आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर 2024 तक सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने 167.53 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे। जिनकी कुल क्रेडिट लिमिट 1.73 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें डेयरी किसानों के लिए 10,453.71 करोड़ रुपये क्रेडिट लिमिट के साथ 11.24 लाख कार्ड और मत्स्य पालकों के लिए 341.70 करोड़ रुपये क्रेडिट लिमिट के साथ 65,000 किसान क्रेडिट कार्ड शामिल हैं।https://x.com/ANI/status/1885546987338293355?t=AU2zpNbrELLXqbBlI6uRUQ&s=19