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सस्ता टमाटर: : टमाटर सस्ता, किसानों के आँखों में आंसू और ग्राहक उठा रहे चटनी का मजा

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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, बालोद, राजनांदगांव और महासमुंद जैसे जिलों में इस बार टमाटर की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन इसके बावजूद किसानों की हालत खराब होती जा रही है। सब्जी मंडियों में टमाटर महज दो रुपये किलो बिक रहा है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, ग्राहक बाजार में पांच रुपये किलो तक टमाटर खरीद रहे हैं और सस्ती चटनी का भरपूर मजा ले रहे हैं।किसान क्यों परेशान?हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि किसान शुरुआत में ही टमाटर के ऊंचे दामों का भरपूर फायदा उठा लेते हैं और बाद में जब पैदावार बढ़ती है और दाम गिरते हैं, तो मुनाफा न होने की शिकायत करने लगते हैं। लेकिन हकीकत यह भी है कि जब टमाटर के दाम बढ़ते हैं, तब हर किसान को इसका लाभ नहीं मिलता। कई बार बिचौलिए ही अधिक मुनाफा कमा लेते हैं और किसान लागत निकालने के लिए भी संघर्ष करते रहते हैं।ग्राहकों की मौज, किसानों की फजीहतइस बार सस्ता टमाटर बाजार में आते ही ग्राहकों की चांदी हो गई है। लोग टमाटर की चटनी, टमाटर का सूप और भरवां टमाटर जैसे व्यंजनों का भरपूर मजा ले रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर किसानों को उनकी मेहनत का उचित दाम नहीं मिल पा रहा, जिससे वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।सरकार क्या कर सकती है?विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार समय रहते कोल्ड स्टोरेज और न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी योजनाओं को लागू करे, तो किसानों को राहत मिल सकती है। अन्यथा, अगर यही स्थिति बनी रही, तो आने वाले समय में किसान टमाटर की खेती से ही किनारा कर सकते हैं, और फिर वही टमाटर महंगा होते ही ग्राहकों को जेब ढीली करनी पड़ेगी। फिलहाल, किसान आंसू बहा रहे हैं और ग्राहक चटनी में टमाटर घोट रहे हैं।

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